कोहिनूर कॉमिक्स का प्रकाशन भी 80 के दशक के मध्य में हुआ होना चाहिए. इसके प्रकाशक (जैसा की सुखवंत कलसी जी ने बताया है) जुबैर ईमान जी थे. इनका दिल्ली में अपना ऑडियो स्टूडियो था और वे कॉमिक्स प्रकाशन की दुनिया में आना चाहते थे. इसी का परिणाम था - कोहिनूर कॉमिक्स. लेकिन शायद, ये क्षेत्र उन्हें रास नहीं आया और संभवतः 4 अंकों के बाद यह प्रकाशन बंद हो गया था.
जहाँ तक कॉमिक्स की बात है तो यह बड़े आकार में रंगीन चित्रों के साथ प्रकाशित थी. पृष्ठ संख्या 32 और मूल्य सभी का 4 रुपये रखा गया था.
जैसा मैंने पहले ही लिखा है कि इसमें केवल धमाका नाम के चरित्र की ही कॉमिक्स आयी थी. अभी तक तो मुझे केवल 4 तक के अंकों के प्रकाशन होने का पता चला है जिसमें से 3 नाम ही अभी ज्ञात हुए हैं.
1. धमाका और यमराज |
2. धमाका और बंगले का प्रेत / चमत्कारी सिक्का (अंक संख्या 3) |
3. धमाका और चालाक जाट (अंक संख्या 104 प्रकाशित है मतलब अंक 4) |
विशेष आभार - डॉ. सुरेश चन्द्र जी, सुखवंत कलसी जी, शालू गुप्ता जी के सहयोग से.
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