भारतीय चित्रकथाओं में आज बात करते हैं रोशनी कॉमिक्स की - जहाँ ये नाम मुझे बहुत प्रभावित और प्रकाशित करता है वहीँ कडवा सत्य यह है कि यह भारतीय चित्रकथाओं की दुनिया में फ़ैल चुके काले घने बादलों से छाये अँधेरे की एक दास्तान बस है. कैसे!!!
जिन दोस्तों ने गोयल कॉमिक्स और रोशनी कॉमिक्स के एक भी अंक को देखा होगा, उन्हें दोनों के लोगो देखकर बहुत कुछ समझ में आ ही जाएगा. आप लोगों ने सहीं समझा - रोशनी कॉमिक्स और कुछ नहीं, गोयल कॉमिक्स के पुराने अंकों का पुनः प्रकाशन था (यहाँ ये भी बताना आवश्यक है कि गोयल कॉमिक्स के शुरूआती अंक स्वयं नीलम चित्रकथा के पुनः प्रकाशन थे). रोशनी कॉमिक्स के रूप में केवल आठ कॉमिक्स ही प्रकाशित हुए थे और उनमें से कोई भी नया नहीं था, बल्कि सभी गोयल कॉमिक्स के पुराने अंक ही थे और गोयल की तरह ही केवल हिंदी में प्रकाशित हुए थे.
गोयल कॉमिक्स के बंद होने के बाद इसके कुछ अंकों को रोशनी कॉमिक्स के रूप में दस रुपये की कीमत पर पुनः प्रकाशित किया गया था और प्रथम (और अंतिम) सेट में प्रकाशित आठ कॉमिक्स के बाद कोई भी और कॉमिक्स नहीं आई.
यहाँ आपको रोशनी कॉमिक्स के अंकों और उनके मूल गोयल कॉमिक्स के अंकों की सूची दे रहा हूँ -
दोनों ही प्रकाशनों की संपादक थे - श्री ओमप्रकाश गोयल जी और
प्रकाशन का पता था
बापू मार्किट, जुबली सिनेमा के सामने फव्वारा, दिल्ली 110006
आशा है रोशनी कॉमिक्स पर लिखा यह लेख आपको पसंद आएगा. सुधारों और सुझावों का सदैव स्वागत है.
प्रकाशन का पता था
बापू मार्किट, जुबली सिनेमा के सामने फव्वारा, दिल्ली 110006
आशा है रोशनी कॉमिक्स पर लिखा यह लेख आपको पसंद आएगा. सुधारों और सुझावों का सदैव स्वागत है.
Thanks for the info Anupam Bhai
ReplyDeleteशुक्रिया गौरव भाई, आपके ब्लॉग और डेटाबेस का भी इस प्रोजेक्ट में काफी सहयोग है.
DeleteThanks bhai. Bahut laabhdayak info hai.
ReplyDeleteThanks a lot Anupam ji🙏🙏🙏👍👍👍👌👌👌👌👌
ReplyDeleteWaah , Gajab Jankari , Goyal Wali Sarp Kanya ka Cover Upload Keejiye.
ReplyDeleteThanks for such wonderful information,anupam bhai.. your efforts to apprise the current and future generations with our rich Comics history is indeed commendable. Keep up the good work!!
ReplyDeleteआपका प्रयास अतुलनीय और प्रशंसनीय है....भारतीय कॉमिक्स जगत के बारे मे पाठको को सही जानकारी न होेने के कारण आज 3 4 कॉमिक्स प्रकाशनों के अलावा किसी और के बारे मे पाठकों को पता ही नही, जिस कारण बहुत से कॉमिक्स प्रकाशनों के तो नाम भी विलुप्त प्राय हो गये है...आपके इस प्रयास के कारण बहुत से पाठकों को उन कॉमिक्सो मे फिर से दिलचस्पी जागेगी और हो सकता है देर सबेर वह कॉमिक्स किसी न किसी रुप मे हमे देखने को भी मिल जाये............आपका मित्र...
ReplyDeleteThanxs Anupam bhai.
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