गौरव गाथा, अमर चित्र कथा की तरह ही भारतीय पौराणिक कथाओं, इतिहास और महान
व्यक्तियों के जीवन को भारतीय पाठकों के मध्य लाने का एक प्रयास था. दूसरे शब्दों
में गौरव गाथा, भारत भूमि के गौरव की गाथा चित्रों के माध्यम से कहती है. हालांकि
दुर्भाग्य से एक बेहतर और सारगर्भित प्रयास होने के बावजूद यह प्रकाशन सफल नहीं हो
पाया – वैसे देखा जाए तो अमर चित्र कथा की राह पर चलने वाला कोई भी प्रकाशन चाहे वो
आदर्श चित्र कथा हो या राज चित्र कथा या कोई अन्य; कोई भी अमर चित्र कथा के
प्रभुत्व को चुनौती देने में नाकाम ही रहा और कुछ अंकों के पश्चात् सभी ने हार मान
ही ली और अपनी राह बदल ली. आज भी अमर चित्र कथा का मुकाबला करना किसी भी प्रकाशन
के लिए असंभव सी बात है.
खैर, वापस चलते हैं गौरव गाथा की ओर – गौरव गाथा श्रीमती संतोष पूरी के संपादन
में सफ़दरजंग एन्क्लेव नई दिल्ली से हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ही प्रकाशित होती थी. इसका पहला अंक विनायक
दामोदर सावरकर यानि वीर सावरकर के जीवन पर आधारित था और मई 1980 में प्रकाशित हुआ
था. इस अंक का नाम हिंदी में ‘वीर सावरकर –
कैद से भाग निकले और समुद्र में कूद गए’ और अंग्रेजी में ‘Veer Sawarkar - The Great Escape’ रखा गया था. अपने लगभग साढ़े तीन साल के सफ़र में ये
प्रकाशन केवल 20 चित्रकथाएं ही प्रकाशित कर पाया वो भी अनियमित अंतराल में; और
अंततः यह प्रकाशन भी भारतीय चित्रकथाओं के प्रकाशकों की लम्बी फेहरिस्त में दर्ज
होकर इतिहास का हिस्सा बन गया.
पहला अंक जहाँ 2.50 रुपये की कीमत पर था वहीँ अंतिम अंक जो 1983 में अक्टूबर
या नवंबर में प्रकाशित हुआ था उसकी कीमत 3.50 रुपये रखी गयी थी. प्रत्येक कॉमिक्स
32 पेज की थी और रंगीन प्रकाशित होती थी.
इस प्रकाशन के सभी अंकों की सूची और कवर्स (जो उपलब्ध हैं), नीचे दिए जा रहे
हैं –
आशा है कि गौरव गाथा चित्रकथा पर मेरा प्रयास आपको पसंद आये.
अजय मिश्रा जी, राजेश कुमार भाई, शिव कुमार भाई, मनोज भाई, गौरव भाई का शुक्रिया, जिनके ब्लॉग से मैंने जानकारियों का संग्रह किया है.
अभूतपूर्ण जानकारी के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteआपके उत्साहवर्धन का ही नतीजा है भाई कि दुबारा वाकई में इसे शुरू कर पाया.
DeleteWaah Gajab Jaankari , Waise Bahut Bada Comment Type kar raha tha par wo Gaurav Gatha ki jagah ACK par Shift Ho Raha tha To Delete kar Diya ..
ReplyDeletePar Bharat ke MahaPurushon se Parichay karwane ka inka Aur Baki Chitrakthaon ACK RCK Adarsh or Others ka Karya Prashansa Yogya hai .
Waise ek Gaurav Gatha to Gaurav Bhai ko Le kar Bhi Taiyar ho Sakti hai , Unka Comics Ke Digitallikaran Aur Database Banane mein jo Kaam Usko Dekhte huye.
शुक्रिया प्रिंस भाई,
Deleteहर प्रकाशक ने अपने हिस्से का कार्य किया, किसी को सफलता तो किसी को असफलता. यह तो नियम है दुनिया का - हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार (पाठकों का) जिन्दगी में.
वैसे गौरव भाई पर बनाने का विचार अच्छा है - गौरव भाई से बात करनी होगी - गौरव गाथा अंक 21 - गौरव गंधेर (English Title - Gaurav The Devil)
Thanks Anupam Bhai for such wonderful information on our rich heritage!! Commendable job :)
ReplyDeleteशुक्रिया राहुल भाई, तारीफ़ के लिए शुक्रिया, अभी शुरुआत है आगे लम्बा सफ़र है. आप लोग साथ रहिये तो सफ़र मजेदार होता रहेगा.
Deleteमहत्वपुर्ण जानकारी के लिये आपका धन्यवाद अगर आपकी इजाजात हो तो हिंदी कॉमिक्स ज्ञान के अगले भाग मे इस लेख को भी प्रकाशित करुंगा....आपका मित्र (Comics Baba)
ReplyDeleteशुक्रिया मित्र - आपकी कुछ pdf देखी है मैंने, काफी बढ़िया हैं.
Deleteरही बात इस लेख की तो आप बिना किसी शर्त इसे प्रकाशित कर सकते हैं, इस ब्लॉग का मकसद ही भारतीय चित्रकथाओं के प्रति जानकारी का विस्तार करना है. आपका और मेरा मकसद एक ही है.
Excellent information bhai.. Thanxs for sharing.
ReplyDeleteThank you Abhishek Bhai,
DeleteNext in the pipeline is Chandamama Book Shelf Series.